जीवन ठहराव और गति के बीच का संतुलन है - jeevan thahraav aur gati ke beech ka santulan hai. : आचार्य रजनीश 'ओशो'
पेड़ों को देखो, पक्षियों को देखो, बादलों में देखो, सितारों को देखो और अगर आपके पास आँखें है तो आप यह देखने में सक्षम होगे की पूरा अस्तित्व खुश है सब कुछ बस खुश है पेड़ बिना किसी कारण के खुश हैं; वे प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने नहीं जा रहे हैं और वे अमीर बनने भी जा रहे हैं और ना ही कभी उनके पास बैंक बैलेंस होगा .. फूलों को देखिये,- बिना किसी कारण के कितने खुश और अविश्वसनीय है - Pedo ko dekho, pankshiyo ko dekho, badalo mein dekho, shitaro ko dekho aur agar aapke pas ankhen hai to aap yah dekhne mein saksham honge ki poora astitv khush hai sab kuchh bas khush hai ped bina kisee kaaran ke khush hain; ve pradhaanamantree ya raashtrapati banane nahin ja rahe hain aur ve ameer banane bhee ja rahe hain aur na hee kabhee unake paas baink bailens hoga .. phoolon ko dekhiye, - bina kisee kaaran ke kitana khush aur avishvasaneey hai. : आचार्य रजनीश 'ओशो'
मसीहा को मरे जितना समय हो जाता है कर्मकांड उतना ही प्रबल हो जाता है। अगर आज बुद्ध जीवित होते तो तुम उन्हें पसंद न करते - maseeha ko mare jitne samay ho jata hai, karmkand utba hi prabal ho jata hai. agar aaj budhha jeevit hote to aap unhe pasand nahi karte. : आचार्य रजनीश 'ओशो'
किसी से किसी भी तरह की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं है। आप स्वयं में जैसे हैं एकदम सही हैं। खुद को स्वीकारिये - kisi se kisi bhi tarah ki pratispardha ki avshyakta nahi hai. aap svayam me jaise hain ekdum sahi hain. khud ko sveekariye : आचार्य रजनीश 'ओशो'
अगर आप सच देखना चाहते हैं तो ना सहमती और ना असहमति में राय रखिये - agar aap sach dekhna chahte hain to na sahmati me aur na hi asahamati me apni raay dein. : आचार्य रजनीश 'ओशो'
उस तरह मत चलिए जिस तरह डर आपको चलाये। उस तरह चलिए जिस तरह प्रेम आपको चलाये। उस तरह चलिए जिस तरह ख़ुशी आपको चलाये - us tarah mat chaliye jis tarah dar aapko chalaaye, us tarah chaliye jis tarahaapko prem chalaye jis tarah aapko aapki khushi chalaaye : आचार्य रजनीश 'ओशो'
जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज साफ़ और स्पष्ट हो जाती है - jab pyar aur nafrat dono hi na ho to cheeze saaf aur spasht ho jati hain . : आचार्य रजनीश 'ओशो'
यहाँ कोई भी आपका सपना पूरा करने के लिए नहीं है। हर कोई अपनी तकदीर और अपनी हक़ीकत बनाने में लगा है - yahan aapka koi sapna poora karne ke liye nahi hai. har koi apni takdeer ko apni haqeeqat banane me laga hai. : आचार्य रजनीश 'ओशो'
जब मैं कहता हूँ कि आप लोग देवी-देवता हैं तो मेरा मतलब होता है कि आप में अनंत संभावनाएं है, आपकी क्षमताएं अनंत हैं - jab main kehta hu ki aap log devi detaa hain to mera matlab hota hai aap me sambhavnayen anant hain . : आचार्य रजनीश 'ओशो'
लोग बुद्ध को इतना प्रेम करते हैं कि वो उनका मज़ाक भी उड़ा सकते हैं. ये अथाह प्रेम कि वजह से है; इसलिए उनमे डर नहीं है - log buddh se itna prem karte hain ki unka mazaak bhi udaa sakte hain. ye aathaah prem ki vajah se hai isliye unme darr nahi hai. : आचार्य रजनीश 'ओशो'
मेरी सारी शिक्षा दो शब्दो की है – प्रेम और ध्यान - meri saari shiksha do shabdo ki hai- prem aur dhyan : आचार्य रजनीश 'ओशो'
जब तुम नही होगे, तब तुम पहली बार होगे - jab tum nahi honge ;tab tum pahali bar honge| : आचार्य रजनीश 'ओशो'
तुम कहते हो की स्वर्ग में शाश्वत सौंदर्य है,शाश्वत सौंदर्य अभी है यहाँ ,स्वर्ग में नही - tum kehte ho ki swarg me shashwat saundarya hai, shashwat saundarya abhi hai yahan, swarg me nahin. : आचार्य रजनीश 'ओशो'
यथार्थवादी बनो: चमत्कार की योजना बनाओ - yatharthvaadi bano, chamatkar ki yojna banao : आचार्य रजनीश 'ओशो'
यदि तुम्हारे ह्रदय के तार मुझसे जुड़ गए हैं तो अनंतककाल तक आवाज़ देता रहूँगा - yadi tumhare hridaya ke taar mujhse jud gaye hain to main tumhe anantkal tak aawaz deta rahunga : आचार्य रजनीश 'ओशो'
सवाल ये नहीं है कि कितना सीखा जा सकता है…इसके उलट, सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है - sawal yah nahi hai ki kitna seekha ja sakta hai iske ulat yah sawal hai ki kitna bhulaya ja sakta hai. : आचार्य रजनीश 'ओशो'