जीवन ठहराव और गति के बीच का संतुलन है।
By : आचार्य रजनीश 'ओशो'
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jeevan thahraav aur gati ke beech ka santulan hai. | जीवन ठहराव और गति के बीच का संतुलन है।
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- यही जीवन है… जब सब कुछ खो जाए तो फिर से शुरू करना!
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