जो व्यक्ति कभी कुछ कभी कुछ करते हैं, वे अन्तत: कहीं भी नहीं पहुँच पाते।

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जो व्यक्ति कभी कुछ कभी कुछ करते हैं, वे अन्तत: कहीं भी नहीं पहुँच पाते। : Jo vyakti kabhi kuchh to kabhi kuchh karte hain ve antatah kahin bhi nahi pahunch paate. - प्रज्ञा सुभाषित
जो व्यक्ति कभी कुछ कभी कुछ करते हैं, वे अन्तत: कहीं भी नहीं पहुँच पाते। : Jo vyakti kabhi kuchh to kabhi kuchh karte hain ve antatah kahin bhi nahi pahunch paate. - प्रज्ञा सुभाषित

jo vyakti kabhi kuchh to kabhi kuchh karte hain ve antatah kahin bhi nahi pahunch paate. | जो व्यक्ति कभी कुछ कभी कुछ करते हैं, वे अन्तत: कहीं भी नहीं पहुँच पाते।

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