हर वक्त, हर स्थिति मेंं मुस्कराते रहिये, निर्भय रहिये, कर्तव्य करते रहिये और प्रसन्न रहिये।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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har waqt har sthiti me muskurate rahiye, nirbhay rahiye, kartavya karte rahiye aur prasanna rahiye. | हर वक्त, हर स्थिति मेंं मुस्कराते रहिये, निर्भय रहिये, कर्तव्य करते रहिये और प्रसन्न रहिये।
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- अधिक संपत्ति नहीं, बल्कि सरल आनंद को खोजें। बड़े भाग्य नहीं, बल्कि परम सुख को खोजें।
- हम एक अद्भुत दुनिया में रहते हैं जो सौंदर्य, आकर्षण और रोमांच से भरी हुई है। यदि हम खुली आँखों से खोजे तो यहाँ रोमांच का कोई अंत नहीं है।
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