शिक्षक नई पीढ़ी के निर्माता होते हैं।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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shikshak nai peedhi ke nirmata hote hain. | शिक्षक नई पीढ़ी के निर्माता होते हैं।
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- विवेकशील व्यक्ति उचित अनुचित पर विचार करता है और अनुचित को किसी भी मूल्य पर स्वीकार नहीं करता।
- मानव जीवन की सफलता का श्रेय जिस महानता पर निर्भर है, उसे एक शब्द में धार्मिकता कह सकते हैं।
- ज्ञान और आचरण में जो सामंजस्य पैदा कर सके, उसे ही विद्या कहते हैं।
- शिक्षक राष्ट्र मंदिर के कुशल शिल्पी हैं।
- शिक्षा का स्थान स्कूल हो सकते हैं, पर दीक्षा का स्थान तो घर ही है।
- उत्तम पुस्तकें जाग्रत् देवता हैं। उनके अध्ययन-मनन-चिंतन के द्वारा पूजा करने पर तत्काल ही वरदान पाया जा सकता है।
- मनोविकारों से परेशान, दु:खी, चिंतित मनुष्य के लिए उनके दु:ख-दर्द के समय श्रेष्ठ पुस्तकें ही सहारा है।
- वे माता-पिता धन्य हैं, जो अपनी संतान के लिए उत्तम पुस्तकों का एक संग्रह छोड़ जाते हैं।
- वह स्थान मंदिर है, जहाँ पुस्तकों के रूप में मूक; किन्तु ज्ञान की चेतनायुक्त देवता निवास करते हैं।
- देश के विकास के लिए नौजवानों को आगे आना चाहिये।