मनोविकारों से परेशान, दु:खी, चिंतित मनुष्य के लिए उनके दु:ख-दर्द के समय श्रेष्ठ पुस्तकें ही सहारा है।

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मनोविकारों से परेशान, दु:खी, चिंतित मनुष्य के लिए उनके दु:ख-दर्द के समय श्रेष्ठ पुस्तकें ही सहारा है। : Manovikaro se pareshan, dukhi chintit manushya ke liye unke dukh dard ke samayu shreshta putake hi sahara hain - प्रज्ञा सुभाषित
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manovikaro se pareshan, dukhi chintit manushya ke liye unke dukh dard ke samayu shreshta putake hi sahara hain | मनोविकारों से परेशान, दु:खी, चिंतित मनुष्य के लिए उनके दु:ख-दर्द के समय श्रेष्ठ पुस्तकें ही सहारा है।

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