ईश्वर अर्थात् मानवी गरिमा के अनुरूप अपने को ढालने के लिए विवश करने की व्यवस्था।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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ishvar arthat maanavi garima ke anuroop apne ko dhalne ke liye vivash karne ki vyavastha. | ईश्वर अर्थात् मानवी गरिमा के अनुरूप अपने को ढालने के लिए विवश करने की व्यवस्था।
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