अविश्वास भय का प्रमुख कारण होता है।
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avishvaas bhay ka pramukh kaaran hota hai. | अविश्वास भय का प्रमुख कारण होता है।
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- मान-सम्मान किसी के देने से नहीं मिलते, अपनी योग्यतानुसार मिलते हैं।
- जो तलवार चलाना जानते हुए भी अपनी तलवार को मयान में रखता है उसी को सच्ची अहिंसा कहते है।
- गरीबों की सेवा ही ईश्वर की सेवा है।
- कठोर-से-कठोर हृदय को भी प्रेम से वश में किया जा सकता है।
- उतावले उत्साह से बड़ा परिणाम निकलने की आशा नहीं रखनी चाहिये।
- स्वतंत्र भारत में कोई भी भूख से नहीं मरेगा। अनाज निर्यात नहीं किया जायेगा। कपड़ों का आयात नहीं किया जाएगा। इसके नेता ना विदेशी भाषा का प्रयोग करेंगे ना किसी दूरस्थ स्थान, समुद्र स्तर से 7000 फुट ऊपर से शासन करेंगे। इसके सैन्य खर्च भारी नहीं होंगे, इसकी सेना अपने ही लोगों या किसी और की भूमि को अधीन नहीं करेगी। इसके सबसे अच्छे वेतन पाने वाले अधिकारी इसके सबसे कम वेतन पाने वाले सेवकों से बहुत ज्यादा नहीं कमाएंगे और यहाँ न्याय पाना ना खर्चीला होगा, ना कठिन होगा।
- शारीरिक दुःख से मानसिक दुःख अधिक बुरा होता है।
- सेवा करने वाले मनुष्य को विन्रमता सीखनी चाहिए, वर्दी पहन कर अभिमान नहीं, विनम्रता आनी चाहिए।
- शिक्षा इस तरह की हो जो छात्र के मन का, शरीर का, और आत्मा का विकास करे।
- शारीरिक और मानसिक शिक्षा साथ –साथ दी जाये, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए।