अहंकार एक मनुष्य के अन्दर वो स्थित लाती है, जब वह ‘आत्मबल’ और ‘आत्मज्ञान’ को खो देता है।

इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है

अहंकार एक मनुष्य के अन्दर वो स्थित लाती है, जब वह ‘आत्मबल’ और ‘आत्मज्ञान’ को खो देता है। : Ahankar ek manushya ke nadar vo sthiti laati hai jab wah aatmbal aur aatmgyan ko kho deta hai. - महर्षि दयानंद सरस्वती
अहंकार एक मनुष्य के अन्दर वो स्थित लाती है, जब वह ‘आत्मबल’ और ‘आत्मज्ञान’ को खो देता है। : Ahankar ek manushya ke nadar vo sthiti laati hai jab wah aatmbal aur aatmgyan ko kho deta hai. - महर्षि दयानंद सरस्वती

ahankar ek manushya ke nadar vo sthiti laati hai jab wah aatmbal aur aatmgyan ko kho deta hai. | अहंकार एक मनुष्य के अन्दर वो स्थित लाती है, जब वह ‘आत्मबल’ और ‘आत्मज्ञान’ को खो देता है।

Related Posts