उनकी प्रशंसा करो जो धर्म पर दृढ़ हैं। उनके गुणगान न करो, जिनने अनीति से सफलता प्राप्त की।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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unki prashansa karo jo dharm par dridh ho, unke gungaan na karo jo aneeti se safalta prapt karte hain | उनकी प्रशंसा करो जो धर्म पर दृढ़ हैं। उनके गुणगान न करो, जिनने अनीति से सफलता प्राप्त की।
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