सत्संग और प्रवचनों का-स्वाध्याय और सुदपदेशों का तभी कुछ मूल्य है, जब उनके अनुसार कार्य करने की प्रेरणा मिले, अन्यथा यह सब भी कोरी बुद्धिमत्ता मात्र है।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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satsang aur pravachano ka swadhyay aur sadudeshon ka tabhi kuchh moolya hai jab unke anusar karya karne ki prerna mile. anyatha yah sab bhi kori buddhimatta matra hai. | सत्संग और प्रवचनों का-स्वाध्याय और सुदपदेशों का तभी कुछ मूल्य है, जब उनके अनुसार कार्य करने की प्रेरणा मिले, अन्यथा यह सब भी कोरी बुद्धिमत्ता मात्र है।
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