गुरु के सनमुख जो रहै, सहै कसौटी दुख | कहैं कबीर तो दुख पर वारों, कोटिक सूख ||
By : कबीर
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guru ke sanamukh jo rahai, sahai kasautee dukh | kahain kabeer to dukh par vaaron, kotik sookh || | गुरु के सनमुख जो रहै, सहै कसौटी दुख | कहैं कबीर तो दुख पर वारों, कोटिक सूख ||
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