देरी से प्राप्त की गई सम्पूर्णता की तुलना में निरन्तर सुधार बेहतर होता है।
By : मार्क ट्वेन
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deri se prapt ki gayi smapoornta ki tulna mein niranatar sudhaar behtar hai. | देरी से प्राप्त की गई सम्पूर्णता की तुलना में निरन्तर सुधार बेहतर होता है।
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- कभी कभी हमारी अधिक चिंता करने की आदत हमें परेशानियां देती है।
- यदि आप हमेशा सत्य बोलते हैं,तो आपको कुछ और याद रखने की आवश्यकता नहीं है।
- सांप की तरह बुद्धिमान और कबूतर की तरह होशियार रहना चाहिए।
- पैसा अधिक होना और कम होना दोनो लड़ाई की जड़ है।
- ज्यादा चिंतित रहने से व्यक्ति परेशानियों को बुला लेता है|
- जीवन मुख्य रुप से अथवा मोटे तौर पर तथ्यों और घटनाओं पर आधारित नहीं है। यह मुख्य रुप से किसी व्यक्ति के दिलो दिमाग में निरन्तर उठने वाले विचारों के तूफानों पर आधारित होती है।
- एक शब्द और लगभग सही शब्द में ठीक उतना ही अंतर है जितना कि रोशनी और जुगनू में।
- जो पढ़ता नहीं है, वह उस व्यक्ति से कतई बेहतर नहीं है जो अनपढ़ है।
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- भारतभूमि मानव जाति का पालना है, मानव-भाषा की जन्मस्थली है, इतिहास की जननी है, पौराणिक कथाओं की दादी है, और प्रथाओं की परदादी है। मानव इतिहास की हमारी सबसे कीमती और सबसे ज्ञान-गर्भित सामग्री केवल भारत में ही संचित है।