जीवन मुख्य रुप से अथवा मोटे तौर पर तथ्यों और घटनाओं पर आधारित नहीं है। यह मुख्य रुप से किसी व्यक्ति के दिलो दिमाग में निरन्तर उठने वाले विचारों के तूफानों पर आधारित होती है।

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जीवन मुख्य रुप से अथवा मोटे तौर पर तथ्यों और घटनाओं पर आधारित नहीं है। यह मुख्य रुप से किसी व्यक्ति के दिलो दिमाग में निरन्तर उठने वाले विचारों के तूफानों पर आधारित होती है। : Jeevan mukhya roop se athva mote taur par tathyo aur ghatnaao par adharit nahi hai.mukhya roop se kisi vyakti ke dilo dimaag nirantar uth rhe vicharo ke toofan par adaharit hai. - मार्क ट्वेन
जीवन मुख्य रुप से अथवा मोटे तौर पर तथ्यों और घटनाओं पर आधारित नहीं है। यह मुख्य रुप से किसी व्यक्ति के दिलो दिमाग में निरन्तर उठने वाले विचारों के तूफानों पर आधारित होती है। : Jeevan mukhya roop se athva mote taur par tathyo aur ghatnaao par adharit nahi hai.mukhya roop se kisi vyakti ke dilo dimaag nirantar uth rhe vicharo ke toofan par adaharit hai. - मार्क ट्वेन

jeevan mukhya roop se athva mote taur par tathyo aur ghatnaao par adharit nahi hai.mukhya roop se kisi vyakti ke dilo dimaag nirantar uth rhe vicharo ke toofan par adaharit hai. | जीवन मुख्य रुप से अथवा मोटे तौर पर तथ्यों और घटनाओं पर आधारित नहीं है। यह मुख्य रुप से किसी व्यक्ति के दिलो दिमाग में निरन्तर उठने वाले विचारों के तूफानों पर आधारित होती है।

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