यदि मैं इस देश की सेवा करते हुए मर भी जाऊं, मुझे इसका गर्व होगा। मेरे खून की हर एक बूँद …।।इस देश की तरक्की में और इसे मजबूत और गतिशील बनाने में योगदान देगी - main is desh ki seva karte hue mar bhi jaaun to mujhe is par garv hoga . mere khoon ki har ek boond is desh ki tarakki me aur ise majboot banane me gatisheelta pradan karegi. : इंदिरा गाँधी

यदि मैं इस देश की सेवा करते हुए मर भी जाऊं, मुझे इसका गर्व होगा। मेरे खून की हर एक बूँद …।।इस देश की तरक्की में और इसे मजबूत और गतिशील बनाने में योगदान देगी। : Main is desh ki seva karte hue mar bhi jaaun to mujhe is par garv hoga . mere khoon ki har ek boond is desh ki tarakki me aur ise majboot banane me gatisheelta pradan karegi. - इंदिरा गाँधी

पूँजी मृत श्रम है, जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है, और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है - poonji mrit shram hai, jo pishach ki tarah keval jeevit shramiko ka khoon choos kar zinda rahat hai aur jitna adhik ye zinda rahta hai utna hi adhik shramiko ko choosta hai : कार्ल मार्क्स

पूँजी मृत श्रम है, जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है, और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है। : Poonji mrit shram hai, jo pishach ki tarah keval jeevit shramiko ka khoon choos kar zinda rahat hai aur jitna adhik ye zinda rahta hai utna hi adhik shramiko ko choosta hai - कार्ल मार्क्स

एक दिन धीरुभाई चला जायेगा। लेकिन रिलायंस के कर्मचारी और शेयर धारक इसे चलाते रहेंगे। रिलायंस अब एक विचार है, जिसमे अंबानियों का कोई अर्थ नहीं है - ek din dheerubhai chala jayega lekin reliance ke karmchari aur shareholders ise chalate rahenge. reliance ab ek vichaar hai jisme ambanis kakoi arth nahi. : धीरूभाई अम्बानी

एक दिन धीरुभाई चला जायेगा। लेकिन रिलायंस के कर्मचारी और शेयर धारक इसे चलाते रहेंगे। रिलायंस अब एक विचार है, जिसमे अंबानियों का कोई अर्थ नहीं है। : Ek din dheerubhai chala jayega lekin reliance ke karmchari aur shareholders ise chalate rahenge. reliance ab ek vichaar hai jisme ambanis kakoi arth nahi. - धीरूभाई अम्बानी

जब आप एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हों तो एक घंटा एक सेकंड के सामान लगता है।जब आप धधकते अंगारे पर बैठे हों तो एक सेकंड एक घंटे के सामान लगता है। यही सापेक्षिकता है - jab aap ek achchi ladki ke sath baithe ho to ek ghanta ek second jaisa aur yadi aap angaare par baithe ho to ek second ek ghante ke saman lagta hai - yahi saapekshikta hai : अल्बर्ट आइन्स्टाइन

जब आप एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हों तो एक घंटा एक सेकंड के सामान लगता है।जब आप धधकते अंगारे पर बैठे हों तो एक सेकंड एक घंटे के सामान लगता है। यही सापेक्षिकता है। : Jab aap ek achchi ladki ke sath baithe ho to ek ghanta ek second jaisa aur yadi aap angaare par baithe ho to ek second ek ghante ke saman lagta hai - yahi saapekshikta hai - अल्बर्ट आइन्स्टाइन