एक व्यक्ति जलते हुए जंगल के मध्य में एक ऊँचे वृक्ष पर बैठा है। वह सभी जीवित प्राणियों को मरते हुए देखता है। लेकिन वह यह नहीं समझता की जल्द ही उसका भी यही हस्र होने वाला है। वह आदमी मूर्ख है - ek vyakti jalte hue jungle ke madhya men ek unche vriksha par baitha hai, wah sabhi jeevit praniyo ko marte hue dekh raha hai, lekin yah nahi samjhta ki jald hi uska bhi yahi hashra hone wala hai. Aadmi moorkh hai. : महावीर स्वामी

एक व्यक्ति जलते हुए जंगल के मध्य में एक ऊँचे वृक्ष पर बैठा है। वह सभी जीवित प्राणियों को मरते हुए देखता है। लेकिन वह यह नहीं समझता की जल्द ही उसका भी यही हस्र होने वाला है। वह आदमी मूर्ख है। : Ek vyakti jalte hue jungle ke madhya men ek unche vriksha par baitha hai, wah sabhi jeevit praniyo ko marte hue dekh raha hai, lekin yah nahi samjhta ki jald hi uska bhi yahi hashra hone wala hai. Aadmi moorkh hai. - महावीर स्वामी

भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है। हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है - bhagwaan ka alag se koi astitva nahi hai. har koi sahi disha men sachhe prayas krke devatva prapta kar sakta hai. : महावीर स्वामी

भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है। हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है। : Bhagwaan ka alag se koi astitva nahi hai. har koi sahi disha men sachhe prayas krke devatva prapta kar sakta hai. - महावीर स्वामी

आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड, लालच,आसक्ति और नफरत - aapki aatma se pare koi bhi shatru nahi hai. asli shatru aapke bheetr rahte hain , ve shatru hain - krodh, ghamand, laalach, aasakti aur nafrat. : महावीर स्वामी

आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड, लालच,आसक्ति और नफरत। : Aapki aatma se pare koi bhi shatru nahi hai. asli shatru aapke bheetr rahte hain , ve shatru hain - krodh, ghamand, laalach, aasakti aur nafrat. - महावीर स्वामी

आप स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मनों से क्या लड़ना? जो स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेंगे उन्हें आनंद की प्राप्ति होगी - aap swayam se lado, baahri dushmano se kya ladnaa? jo swayam par vijay prapt kar leneg unhe aanand ki prapti hogi : महावीर स्वामी

आप स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मनों से क्या लड़ना? जो स्वयं पर विजय प्राप्त कर लेंगे उन्हें आनंद की प्राप्ति होगी। : Aap swayam se lado, baahri dushmano se kya ladnaa? jo swayam par vijay prapt kar leneg unhe aanand ki prapti hogi - महावीर स्वामी