सत्यता, प्रेम की पहली सीढ़ी है।
By : मुंशी प्रेमचंद
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satyataprem ki pahli seedhi hai. | सत्यता, प्रेम की पहली सीढ़ी है।
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- प्रेम तो प्रेम है। माता को अपना काना-कुबड़ा बच्चा भी सुंदर लगता है और वह उससे असीम प्रेम करती है।
- सुन्दरता को आभूषणों की आवश्यकता नहीं होती। मृदुता आभूषणों का भार वहन नहीं कर सकती।
- पूर्ण विश्वास के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।
- आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
- डर महसूस होने पर साहस ही उससे सामना करना सिखाता है।
- अपने विचारों को बताने के लिए दूसरों की स्वीकृति का इंतज़ार नहीं करना चाहिए|
- जब कोई गुस्सा करने वाला व्यक्ति प्यार से बोलता है तब भी डर ही लगता है।
- एक स्वस्थ शरीर ही सबसे बड़ा धन है।
- हम एक अन्धकार से भरी दुखद दुनियाँ में रहते हैं|
- भाग्यशाली व्यक्ति ही अपना प्यार दूसरों के साथ बांट पाता है।