नरक कोई स्थान नहीं, संकीर्ण स्वार्थपरता की और निकृष्ट दृष्टिकोण की प्रतिक्रिया मात्र है।

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नरक कोई स्थान नहीं, संकीर्ण स्वार्थपरता की और निकृष्ट दृष्टिकोण की प्रतिक्रिया मात्र है। : Narak koi sthan nahi, sankeerna swarthparta ki or nikrishta drishtikon ki pratikriya matra hai. - प्रज्ञा सुभाषित
नरक कोई स्थान नहीं, संकीर्ण स्वार्थपरता की और निकृष्ट दृष्टिकोण की प्रतिक्रिया मात्र है। : Narak koi sthan nahi, sankeerna swarthparta ki or nikrishta drishtikon ki pratikriya matra hai. - प्रज्ञा सुभाषित

narak koi sthan nahi, sankeerna swarthparta ki or nikrishta drishtikon ki pratikriya matra hai. | नरक कोई स्थान नहीं, संकीर्ण स्वार्थपरता की और निकृष्ट दृष्टिकोण की प्रतिक्रिया मात्र है।

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