इस संसार में प्यार करने लायक दो वस्तुएँ हैं-एक दु:ख और दूसरा श्रम। दुख के बिना हृदय निर्मल नहींं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता।

इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है

इस संसार में प्यार करने लायक दो वस्तुएँ हैं-एक दु:ख और दूसरा श्रम। दुख के बिना हृदय निर्मल नहींं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता। : Is sansaar me pyaar karne laayak do vastuyein hain - ek dukh aur doosra shram. dukh ke bina hridaya nirmal nahi aur shram ke bina manushyatva ka vikas nahi hota. - प्रज्ञा सुभाषित
इस संसार में प्यार करने लायक दो वस्तुएँ हैं-एक दु:ख और दूसरा श्रम। दुख के बिना हृदय निर्मल नहींं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता। : Is sansaar me pyaar karne laayak do vastuyein hain - ek dukh aur doosra shram. dukh ke bina hridaya nirmal nahi aur shram ke bina manushyatva ka vikas nahi hota. - प्रज्ञा सुभाषित

is sansaar me pyaar karne laayak do vastuyein hain - ek dukh aur doosra shram. dukh ke bina hridaya nirmal nahi aur shram ke bina manushyatva ka vikas nahi hota. | इस संसार में प्यार करने लायक दो वस्तुएँ हैं-एक दु:ख और दूसरा श्रम। दुख के बिना हृदय निर्मल नहींं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता।

Related Posts