यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं, तो सभी धर्मों के धर्मग्रंथों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।
By : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर
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yadi ham ek sanyukt ekeekrt aadhunik bhaarat chaahate hain, to sabhee dharmon ke dharmagranthon kee samprabhuta ka ant hona chaahie. | यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं, तो सभी धर्मों के धर्मग्रंथों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।
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- निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल ना लगाया गया हो।
- आप स्वाद को बदल सकते हैं परन्तु जहर को अमृत में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
- जो झुक सकता है वो झुका भी सकता है।
- मनुष्य नश्वर हैं। ऐसे ही विचार होते हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत है जैसे एक पौधे में पानी की जरूरत होती है। अन्यथा दोनों मुरझा जायेंगे और मर जायेंगे।
- जीवन लम्बा होने की बजाय महान होना चाहिए।
- देश के विकास के लिए नौजवानों को आगे आना चाहिये।
- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- अधिक संपत्ति नहीं, बल्कि सरल आनंद को खोजें। बड़े भाग्य नहीं, बल्कि परम सुख को खोजें।
- हम सिर्फ खुद के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं।
- पूर्ण विश्वास के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।