यह निश्चय करना की आपको क्या नहीं करना है उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना की यह निश्चय करना की आप को क्या करना है।
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yah nishchay karna ki aapko kya nahi karna hai utna hi mahatvapoorna hai jitna ki yah nishchaya karna ki aapko kyaa karna hai. | यह निश्चय करना की आपको क्या नहीं करना है उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना की यह निश्चय करना की आप को क्या करना है।
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- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।
- जब तक मैं स्वयं में आश्वस्त हूँ कि किया गया काम सही काम है तब तक मुझे संतुष्टि रहती है।
- विश्वास रखकर आलस्य छोड़ दीजिये, वहम मिटा दीजिये, डर छोड़िये, फूट का त्याग कीजिये, कायरता निकाल डालिए, हिम्मत रखिये, बहादुर बन जाइए, और आत्मविश्वास रखना सीखिए। इतना कर लेंगे तो आप जो चाहेंगे, अपने आप मिलेगा।
- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- सत्ताधीशों की सत्ता उनकी मृत्यु के साथ ही समाप्त हो जाती है, पर महान देशभक्तों की सत्ता मरने के बाद काम करती है, अतः देशभक्ति अर्थात् देश-सेवा में जो मिठास है, वह और किसी चीज में नहीं।
- आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
- हर जाति या राष्ट्र खाली तलवार से वीर नहीं बनता तलवार तो रक्षा-हेतु आवश्यक है, पर राष्ट्र की प्रगति को तो उसकी नैतिकता से ही मापा जा सकता है।
- एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जब तक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।
- अब हर भारतीय को भूल जाना चाहिए कि वह सिख हैं, जाट है या राजपूत। उसे केवल इतना याद रखना चाहिए कि अब वह केवल भारतीय हैं जिसके पास सभी अधिकार हैं, लेकिन उसके कुछ कर्तव्य भी हैं।
- प्राण लेने का अधिकार तो ईश्वर को है। सरकार की तोप या बंदूकें हमारा कुछ नहीं कर सकतीं। हमारी निर्भयता ही हमारा कवच है।