यदि संसार में कहीं कोई पाप है तो वह है दुर्बलता। हमें हर प्रकार की कमजोरी या दुर्बलता को दूर करना चाहिए। दुर्बलता पाप है, दुर्बलता मृत्यु के समान है।

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यदि संसार में कहीं कोई पाप है तो वह है दुर्बलता। हमें हर प्रकार की कमजोरी या दुर्बलता को दूर करना चाहिए। दुर्बलता पाप है, दुर्बलता मृत्यु के समान है। : Yadi sansaar mein kaheen koee paap nahin hai to vah durbalata hai. hamen har prakaar kee kamajoree ya durbalata ko door karana chaahie. durbalata paap hai, durbalata mrtyu ke samaan hai. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda
यदि संसार में कहीं कोई पाप है तो वह है दुर्बलता। हमें हर प्रकार की कमजोरी या दुर्बलता को दूर करना चाहिए। दुर्बलता पाप है, दुर्बलता मृत्यु के समान है। : Yadi sansaar mein kaheen koee paap nahin hai to vah durbalata hai. hamen har prakaar kee kamajoree ya durbalata ko door karana chaahie. durbalata paap hai, durbalata mrtyu ke samaan hai. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

yadi sansaar mein kaheen koee paap nahin hai to vah durbalata hai. hamen har prakaar kee kamajoree ya durbalata ko door karana chaahie. durbalata paap hai, durbalata mrtyu ke samaan hai. | यदि संसार में कहीं कोई पाप है तो वह है दुर्बलता। हमें हर प्रकार की कमजोरी या दुर्बलता को दूर करना चाहिए। दुर्बलता पाप है, दुर्बलता मृत्यु के समान है।

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