व्यक्ति को चाहिए की वह पानी की तरह निर्मल और सरल बने।
By : ब्रूस ली
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vyakti ko chaahie kee vah paanee kee tarah nirmal aur saral bane. | व्यक्ति को चाहिए की वह पानी की तरह निर्मल और सरल बने।
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- गलतियां हमेशा क्षमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो।
- कोई भी चीज़ सिर्फ चाहने से नही मिलती|
- किसी और को ज्यादा महत्व देने से बेहतर खुद को महत्व देना जरूरी है।
- ध्यान दीजिये कि सबसे कठोर पेड़ सबसे आसानी से टूट जाते हैं, जबकि, बांस या विलो हवा के साथ मुड़कर बच जाते है।
- चीजों को ऐसे लें जैसी वे हैं। जब घूँसा मारना हो तब घूंसा मारें। जब लात मारनी हो लात मारें।
- जितना एक मूर्ख व्यक्ति किसी बुद्धिमानी भरे उत्तर से नहीं सीख सकता उससे अधिक एक बुद्धिमान एक मूर्खतापूर्ण प्रश्न से सीख सकता है।
- हमेशा अपने वास्तिक रूप में रहो, खुद को व्यक्त करो, स्वयं में भरोसा रखो, बाहर जाकर किसी और सफल व्यक्तित्व को मत तलाशो और उसकी नक़ल मत करो।
- अगर आप अपनी ज़िन्दगी से प्यार करते हैं तो वक़्त मत बर्बाद करें, क्योंकि वो वक़्त ही है जिससे ज़िन्दगी बनी होती है।
- कोई पछतावा नहीं। उसके लिए कोई समय नहीं है। पछतावा उबाऊ है।
- पक्षी अपने जीवन और अपनी प्रेरणा से संचालित होता है।