व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है।

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व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है। : Vyakti apane vichaaron ke sivaay kuchh nahin hai. vah jo sochata hai, vah ban jaata hai. - महात्मा गाँधी
व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है। : Vyakti apane vichaaron ke sivaay kuchh nahin hai. vah jo sochata hai, vah ban jaata hai. - महात्मा गाँधी

vyakti apane vichaaron ke sivaay kuchh nahin hai. vah jo sochata hai, vah ban jaata hai. | व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है. वह जो सोचता है, वह बन जाता है।

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