तरुवर जड़ से काटिया, जबै सम्हारो जहाज | तारै पर बोरे नहीं, बाँह गहे की लाज ||
By : कबीर
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taruvar jad se kaatiya, jabai samhaaro jahaaj | taarai par bore nahin, baanh gahe kee laaj || | तरुवर जड़ से काटिया, जबै सम्हारो जहाज | तारै पर बोरे नहीं, बाँह गहे की लाज ||
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