स्वामी सेवक होय के, मनही में मिलि जाय | चतुराई रीझै नहीं, रहिये मन के माय ||

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स्वामी सेवक होय के, मनही में मिलि जाय | चतुराई रीझै नहीं, रहिये मन के माय || : Svaamee sevak hoy ke, manahee mein mili jaay | chaturaee reejhai nahin, rahiye man ke maay || - कबीर
स्वामी सेवक होय के, मनही में मिलि जाय | चतुराई रीझै नहीं, रहिये मन के माय || : Svaamee sevak hoy ke, manahee mein mili jaay | chaturaee reejhai nahin, rahiye man ke maay || - कबीर

svaamee sevak hoy ke, manahee mein mili jaay | chaturaee reejhai nahin, rahiye man ke maay || | स्वामी सेवक होय के, मनही में मिलि जाय | चतुराई रीझै नहीं, रहिये मन के माय ||

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