सेवक सेवा में रहै, सेवक कहिये सोय | कहैं कबीर सेवा बिना, सेवक कभी न होय ||
By : कबीर
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sevak seva mein rahai, sevak kahiye soy | kahain kabeer seva bina, sevak kabhee na hoy || | सेवक सेवा में रहै, सेवक कहिये सोय | कहैं कबीर सेवा बिना, सेवक कभी न होय ||
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