राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाति, नस्ल या रंग का अन्तर भुलाकर उनमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाये।
By : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर
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raashvaadavaad keval auchity grahan kar sakata hai, jab logon ke beech jaati, nasal ya rang ka anaarat bhulaakar unamen saamaajik bhraatrkrtav ko god lene kee anumati dee jaegee. | राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है, जब लोगों के बीच जाति, नस्ल या रंग का अन्तर भुलाकर उनमें सामाजिक भ्रातृत्व को सर्वोच्च स्थान दिया जाये।
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- एक सुरक्षित सेना एक सुरक्षित सीमा से बेहतर है।
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