प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।

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प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं। : Premi, pagal aur kavueek hi mitti ke bane hote hain. - सरदार भगत सिंह | Sardar Bhagat Singh
प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं। : Premi, pagal aur kavueek hi mitti ke bane hote hain. - सरदार भगत सिंह | Sardar Bhagat Singh

premi, pagal aur kavueek hi mitti ke bane hote hain. | प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।

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