न गुरु मिले न शीश भाया, लल्च खेला दाव | दुन्यु बूदे धर में, चढी पत्थर की नाव ||
By : कबीर
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na guru mile na sheesh bhaaya, lalch khela daav | dunyu boode dhar mein, chadhee patthar kee naav || | न गुरु मिले न शीश भाया, लल्च खेला दाव | दुन्यु बूदे धर में, चढी पत्थर की नाव ||
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