लंबा मारग, दूरिधर, विकट पंथ, बहुमार | कहौ संतो, क्यूं पाइये, दुर्लभ हरि-दीदार ||
By : कबीर
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lamba maarag, dooridhar, vikat panth, bahumaar | kahau santo, kyoon paiye, durlabh hari-deedaar || | लंबा मारग, दूरिधर, विकट पंथ, बहुमार | कहौ संतो, क्यूं पाइये, दुर्लभ हरि-दीदार ||
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