कला मानवीय आत्मा की गहरी परतों को उजागर करती है। कला तभी संभव है जब स्वर्ग धरती को छुए |
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kalaa manvey aatma ki gehri paraton ko ujaagar karti hai, kalaa tabhi sambhav hai jab swarg dharti ko chhue. | कला मानवीय आत्मा की गहरी परतों को उजागर करती है। कला तभी संभव है जब स्वर्ग धरती को छुए |
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- जो व्यक्ति अपना ध्यान एक जगह केंद्रित नही कर सकता,वह अपने सपनों को भी पूरा नहीं कर सकता।
- जब तक जीवन है तब तक ईश्वर से प्रार्थना करते रहिए।
- हमें मानवता को उन नैतिक जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए जहाँ से अनुशासन और स्वतंत्रता दोनों का उद्गम हो|
- लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों के नहीं बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है।
- केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है। स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है।
- एक साहित्यिक प्रतिभा – कहा जाता है कि हर एक की तरह दिखती है, लेकिन उस जैसा कोई नहीं दिखता।
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