कैसो कहा बिगाड़िया, जो मुंडै सौ बार | मन को काहे न मूंडिये, जामे विषम-विकार ||

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कैसो कहा बिगाड़िया, जो मुंडै सौ बार | मन को काहे न मूंडिये, जामे विषम-विकार || : Kaiso kaha bigaadiya, jo mundai sau baar | man ko kaahe na moondiye, jaame visham-vikaar || - कबीर
कैसो कहा बिगाड़िया, जो मुंडै सौ बार | मन को काहे न मूंडिये, जामे विषम-विकार || : Kaiso kaha bigaadiya, jo mundai sau baar | man ko kaahe na moondiye, jaame visham-vikaar || - कबीर

kaiso kaha bigaadiya, jo mundai sau baar | man ko kaahe na moondiye, jaame visham-vikaar || | कैसो कहा बिगाड़िया, जो मुंडै सौ बार | मन को काहे न मूंडिये, जामे विषम-विकार ||

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