जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सके, मनुष्य बन सके ,चरित्र गठन कर सके और विचारों की सामंजस्य कर सकें। वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है।
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jis shiksha se ham apana jeevan nirmaan kar sake, manushy ban sake, charitr gathan kar sake aur vichaaron kee saamanjasy kar sake. vahee vaastav mein shiksha kahalaane yogy hai. | जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सके, मनुष्य बन सके ,चरित्र गठन कर सके और विचारों की सामंजस्य कर सकें। वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है।
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- हिन्दू संस्कृति आध्यात्मिकता की अमर आधारशिला पर स्थित है।
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