जीवनभर ज्ञानार्जन के बाद मैं केवल इतना ही जान पाया हूं कि मैं कुछ भी नहीं जान पाया हूं।
By : सुकरात | Socrates
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jeevanbhar gyanarjan ke baad mai keval itnahi jaan paya hu ki main kuchh bhi nahi jaan paaya hu. | जीवनभर ज्ञानार्जन के बाद मैं केवल इतना ही जान पाया हूं कि मैं कुछ भी नहीं जान पाया हूं।
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