एक मकान तब तक घर नहीं बन सकता जब तक उसमे दिमाग और शरीर दोनों के लिए भोजन और भभक ना हो।
By : बेंजामिन फ्रैंकलिन
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
ek makaan tab tak ghar nahi ban sakta jab tak usme dimaag aur shareer dono ke liye bhojan aur bhabhak na ho. | एक मकान तब तक घर नहीं बन सकता जब तक उसमे दिमाग और शरीर दोनों के लिए भोजन और भभक ना हो।
Related Posts
- धूपघड़ी केवल उस समय को बताती है जब उस पर सूर्य का प्रकाश पड़ रहा हो इसका अर्थ है प्रतिभा को छुपाना नहीं चाहिए।
- यदि मनुष्य अपनी आधी इच्छाएं पूरी कर ले तो उसकी परेशानी दुगनी हो जाती है।
- कोई भी व्यक्ति किसी भी निर्णय को दिल और दिमाग दोनो की सहमति से नही ले सकता
- जो इंसान अपनी इच्छाओं को दबाना सीख जाता है उसके लिए जिंदगी बहुत आसान हो जाती है।
- मित्र बनाने में धीमे रहिये और बदलने में और भी।
- स्वप्न विचारों में परिवर्तित होते हैं और विचार कार्य में परिणत होते हैं।
- भगवान केवल उन्हीं लोगों की मदद करते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं।
- ईश्वर की संतान के रूप में, मेरे साथ जो कुछ भी घटित हो सकता है, मैं उससे बड़ा हूँ।
- यादें और भावनाएं यातना का सबसे बड़ा रूप हो सकती हैं।
- सच तो यह है कि किसी व्यवस्था के लाभार्थियों से उसे नष्ट करने की उम्मीद नहीं की जा सकती।