अन्तर्यामी एक तुम, आत्मा के आधार | जो तुम छोड़ो हाथ तो, कौन उतारे पार ||
By : कबीर
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antaryaamee ek tum, aatma ke aadhaar | jo tum chhodo haath to, kaun utaare paar || | अन्तर्यामी एक तुम, आत्मा के आधार | जो तुम छोड़ो हाथ तो, कौन उतारे पार ||
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