कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा अधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।

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कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा अधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं। : Kabhee mat sochie ki aatma ke lie kuchh asambhav hai. aisa sochana sabase bada adharm hai. agar koee paap nahin hai, to vah yahee hai; ye kahate hain ki aap nirbal ho ya any nirbal hain. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda
कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा अधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं। : Kabhee mat sochie ki aatma ke lie kuchh asambhav hai. aisa sochana sabase bada adharm hai. agar koee paap nahin hai, to vah yahee hai; ye kahate hain ki aap nirbal ho ya any nirbal hain. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

kabhee mat sochie ki aatma ke lie kuchh asambhav hai. aisa sochana sabase bada adharm hai. agar koee paap nahin hai, to vah yahee hai; ye kahate hain ki aap nirbal ho ya any nirbal hain. | कभी मत सोचिये कि आत्मा के लिए कुछ असंभव है। ऐसा सोचना सबसे बड़ा अधर्म है। अगर कोई पाप है, तो वो यही है; ये कहना कि तुम निर्बल हो या अन्य निर्बल हैं।

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