यदि कोई दुखी है, पीड़ित है और उसके कंधे पर हाथ रख दिया जाये, तो निश्चित रूप से उसकी पीड़ा कम हो जाएगी। रोते हुये बच्चे को माँ या फिर किसी सगे के द्वारा गोद में उठा लेना और संस्पर्श पाकर बच्चे का चुप हो जाना यह दर्शाता है कि स्पर्श हमारा भावनात्मक बल है।

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यदि कोई दुखी है, पीड़ित है और उसके कंधे पर हाथ रख दिया जाये, तो निश्चित रूप से उसकी पीड़ा कम हो जाएगी। रोते हुये बच्चे को माँ या फिर किसी सगे के द्वारा गोद में उठा लेना और संस्पर्श पाकर बच्चे का चुप हो जाना यह दर्शाता है कि स्पर्श हमारा भावनात्मक बल है। : Yadi koi dukhi hai peedit hai aur uske kandhe par hah rakh diya jaaye to nishachit roop se uski peeda kam ho jayegi. - रवीन्द्र प्रभात
यदि कोई दुखी है, पीड़ित है और उसके कंधे पर हाथ रख दिया जाये, तो निश्चित रूप से उसकी पीड़ा कम हो जाएगी। रोते हुये बच्चे को माँ या फिर किसी सगे के द्वारा गोद में उठा लेना और संस्पर्श पाकर बच्चे का चुप हो जाना यह दर्शाता है कि स्पर्श हमारा भावनात्मक बल है। : Yadi koi dukhi hai peedit hai aur uske kandhe par hah rakh diya jaaye to nishachit roop se uski peeda kam ho jayegi. - रवीन्द्र प्रभात

yadi koi dukhi hai peedit hai aur uske kandhe par hah rakh diya jaaye to nishachit roop se uski peeda kam ho jayegi. | यदि कोई दुखी है, पीड़ित है और उसके कंधे पर हाथ रख दिया जाये, तो निश्चित रूप से उसकी पीड़ा कम हो जाएगी। रोते हुये बच्चे को माँ या फिर किसी सगे के द्वारा गोद में उठा लेना और संस्पर्श पाकर बच्चे का चुप हो जाना यह दर्शाता है कि स्पर्श हमारा भावनात्मक बल है।

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