असहिष्णुता सच्ची लोकतांत्रिक भावना के विकास में बाधक है.
By : महात्मा गाँधी
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
asahishnuta sachchi loktantrik bhavna ke vikas me baadhak hai. | असहिष्णुता सच्ची लोकतांत्रिक भावना के विकास में बाधक है.
Related Posts
- एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जब तक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।
- अब हर भारतीय को भूल जाना चाहिए कि वह सिख हैं, जाट है या राजपूत। उसे केवल इतना याद रखना चाहिए कि अब वह केवल भारतीय हैं जिसके पास सभी अधिकार हैं, लेकिन उसके कुछ कर्तव्य भी हैं।
- सच्चे त्याग और आत्मशुद्धि के बिना स्वराज नहीं आएगा।
- आपके घर का प्रबंध दूसरों को सौंपा गया हो तो यह कैसा लगता है – यह आपको सोचना है जब तक प्रबंध दूसरों के हाथ में है तब तक परतन्त्रता है और तब तक सुख नहीं।
- जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता। अतः जात-पांत के, ऊँच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए।
- आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये।
- गरीबी हिंसा का सबसे बुरा रूप है।
- कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है
- सिद्धांत के बिना राजनीति घनघोर पाप हैं
- जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो, तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।