दुनिया में आलस्य को पोषण देने जैसा दूसरा भयंकर पाप नहीं है।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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duniya me aalasya ko poshan dene jaisa bhayankar paap nahi hai. | दुनिया में आलस्य को पोषण देने जैसा दूसरा भयंकर पाप नहीं है।
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