कभी कभी अपने लक्ष्य के बीच में आने वाली निराशाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित करना पड़ता है|
By : कन्फ्युशियस
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kabhee kabhee apane lakshy ke beech mein aane vaalee niraashaon ke prati pratirodh vikasit karana padata hai| | कभी कभी अपने लक्ष्य के बीच में आने वाली निराशाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित करना पड़ता है|
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- हम तीन तरीकों से ज्ञान अर्जित कर सकते हैं. पहला, चिंतन करके, जो कि सबसे सही तरीका है। दूसरा , अनुकरण करके,जो कि सबसे आसान है, और तीसरा अनुभव से ,जो कि सबसे कष्टकारी है|
- कर्तव्यनिष्ठ पुरूष कभी निराश नहीं होता। अतः जब तक जीवित रहें और कर्तव्य करते रहें, तो इसमें पूरा आनन्द मिलेगा।
- विश्वास रखकर आलस्य छोड़ दीजिये, वहम मिटा दीजिये, डर छोड़िये, फूट का त्याग कीजिये, कायरता निकाल डालिए, हिम्मत रखिये, बहादुर बन जाइए, और आत्मविश्वास रखना सीखिए। इतना कर लेंगे तो आप जो चाहेंगे, अपने आप मिलेगा।
- सम्मान ही है जो मनुष्य और जानवरों के बीच का अंतर बताता है।
- जो बिना शालीनता के बोलता है,उसे अपने शब्दों को अच्छा बनाने में कठिनाई होगी।
- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- अपने आप को जानिए की आप कौन है।
- गलतियां हमेशा क्षमा की जा सकती हैं, यदि आपके पास उन्हें स्वीकारने का साहस हो।
- मनुष्य चाहे तो प्रेम से सब कुछ हासिल कर सकता है।
- व्यक्ति को कभी कभी खुद की पहचान बनाने के लिए,बहुत कुछ त्याग देना पड़ता है।