चाल बकुल की चलत हैं, बहुरि कहावै हंस | ते मुक्ता कैसे चुंगे, पड़े काल के फंस ||

इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है

चाल बकुल की चलत हैं, बहुरि कहावै हंस | ते मुक्ता कैसे चुंगे, पड़े काल के फंस || : Chaal bakul kee chalat hain, bahuri kahaavai hans | te mukta kaise chunge, pade kaal ke phans || - कबीर
चाल बकुल की चलत हैं, बहुरि कहावै हंस | ते मुक्ता कैसे चुंगे, पड़े काल के फंस || : Chaal bakul kee chalat hain, bahuri kahaavai hans | te mukta kaise chunge, pade kaal ke phans || - कबीर

chaal bakul kee chalat hain, bahuri kahaavai hans | te mukta kaise chunge, pade kaal ke phans || | चाल बकुल की चलत हैं, बहुरि कहावै हंस | ते मुक्ता कैसे चुंगे, पड़े काल के फंस ||

Related Posts