वेद थके, ब्रह्मा थके, याके सेस महेस | गीता हूँ कि गत नहीं, सन्त किया परवेस ||
By : कबीर
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ved thake, brahma thake, yaake ses mahes | geeta hoon ki gat nahin, sant kiya paraves || | वेद थके, ब्रह्मा थके, याके सेस महेस | गीता हूँ कि गत नहीं, सन्त किया परवेस ||
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