वही समाज सब से श्रेष्ठ है, जहाँ सभी सत्यों को कार्य में परिवर्तित किया जा सकता है – यही मेरा मत है। और यदि समाज इस समय उच्चतम सत्यों को स्थान देने में समर्थ नहीं है, तो उसे इस योग्य बनाओ। और जितना शीघ्र तुम ऐसा कर सको, उतना ही अच्छा।

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वही समाज सब से श्रेष्ठ है, जहाँ सभी सत्यों को कार्य में परिवर्तित किया जा सकता है – यही मेरा मत है। और यदि समाज इस समय उच्चतम सत्यों को स्थान देने में समर्थ नहीं है, तो उसे इस योग्य बनाओ। और जितना शीघ्र तुम ऐसा कर सको, उतना ही अच्छा। : Vahee samaaj sab se shreshth hai, jahaan sabhee satyon ko kaary mein sanshodhit kiya ja sakata hai - yahee mera mat hai. aur yadi samaaj is samay sarvochch satyon ko sthaan dene mein samarth nahin hai, to use yah yogy banaana hai. aur jaise tum tum aisa kar sako, vaise hee achchha ho. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda
वही समाज सब से श्रेष्ठ है, जहाँ सभी सत्यों को कार्य में परिवर्तित किया जा सकता है – यही मेरा मत है। और यदि समाज इस समय उच्चतम सत्यों को स्थान देने में समर्थ नहीं है, तो उसे इस योग्य बनाओ। और जितना शीघ्र तुम ऐसा कर सको, उतना ही अच्छा। : Vahee samaaj sab se shreshth hai, jahaan sabhee satyon ko kaary mein sanshodhit kiya ja sakata hai - yahee mera mat hai. aur yadi samaaj is samay sarvochch satyon ko sthaan dene mein samarth nahin hai, to use yah yogy banaana hai. aur jaise tum tum aisa kar sako, vaise hee achchha ho. - स्वामी विवेकानन्द | Swami Vivekananda

vahee samaaj sab se shreshth hai, jahaan sabhee satyon ko kaary mein sanshodhit kiya ja sakata hai - yahee mera mat hai. aur yadi samaaj is samay sarvochch satyon ko sthaan dene mein samarth nahin hai, to use yah yogy banaana hai. aur jaise tum tum aisa kar sako, vaise hee achchha ho. | वही समाज सब से श्रेष्ठ है, जहाँ सभी सत्यों को कार्य में परिवर्तित किया जा सकता है – यही मेरा मत है। और यदि समाज इस समय उच्चतम सत्यों को स्थान देने में समर्थ नहीं है, तो उसे इस योग्य बनाओ। और जितना शीघ्र तुम ऐसा कर सको, उतना ही अच्छा।

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