शिक्षाविदों को छात्रों के बीच जांच की भावना, रचनात्मकता, उद्यमशीलता और नैतिक नेतृत्व की क्षमता का निर्माण करना चाहिए।
By : ए पी जे अब्दुल कलाम
इमेज का डाउनलोड लिंक नीचे दिया गया है
shikshaavidon ko chhaatron ke beech jaanch kee bhaavana, rachanaatmakata, udyamasheelata aur naitik netrtv kee kshamata ka nirmaan karana chaahie. | शिक्षाविदों को छात्रों के बीच जांच की भावना, रचनात्मकता, उद्यमशीलता और नैतिक नेतृत्व की क्षमता का निर्माण करना चाहिए।
Related Posts
- यदि आपको उत्तर के रूप में No मिलता है, तो याद रखें N.O. का अर्थ है – Next Opportunity। तो, आइए सकारात्मक रहें।
- भगवान, हमारे निर्माता, ने हमारे मस्तिष्क और व्यक्तित्व में असीम शक्तियां और क्षमताएं दी हैं। प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती है।
- जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी।
- जो शासन करते है, उन्हें यह देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं। अंततः जनता ही मुखिया होती है।
- शिक्षण एक बहुत ही महान पेशा है जो किसी व्यक्ति के चरित्र, क्षमता, और भविष्य को आकार देता हैं।
- हम सिर्फ खुद के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं।
- हर जाति या राष्ट्र खाली तलवार से वीर नहीं बनता तलवार तो रक्षा-हेतु आवश्यक है, पर राष्ट्र की प्रगति को तो उसकी नैतिकता से ही मापा जा सकता है।
- यदि चार बातों का पालन किया जाए कि – एक महान लक्ष्य बनाया जाए, ज्ञान अर्जित किया जाए,कड़ी मेहनत की जाए और दृढ़ मजबूत रहा जाए तो इस जीवन में कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
- यदि हम स्वतंत्र नहीं है तो कोई भी व्यक्ति हमारा सम्मान नहीं करेगा।
- मेरा यह संदेश, विशेष रूप से युवाओं के लिए है कि वे अलग सोचने का साहस रखें, आविष्कार करने का साहस रखें, अनदेखे रास्तों पर चलने का समय साहस रखें, असंभव को खोजने का साहस रखें और समस्याओं पर जीत हासिल करके सफल होने का साहस रखें। ये महान गुण हैं जिनके लिए उन्हें जरूर काम करना चाहिए।