संसार में रहने का सच्चा तत्त्वज्ञान यही है कि प्रतिदिन एक बार खिलखिलाकर जरूर हँसना चाहिए।
By : प्रज्ञा सुभाषित
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sansar me rehne ka sachcha tatvagyan yahi hai ki pratidin ek baar khilkhilaakar jaroor hansna chahiye. | संसार में रहने का सच्चा तत्त्वज्ञान यही है कि प्रतिदिन एक बार खिलखिलाकर जरूर हँसना चाहिए।
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