प्रेम में ही वह ताकत है,जो शत्रु को भी मित्र बना देता है |

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प्रेम में ही वह ताकत है,जो शत्रु को भी मित्र बना देता है | : Prem mein hee vah taakat hai,jo shatru ko bhee mitr bana deta hai . - मार्टिन लुथर किंग - जूनियर
प्रेम में ही वह ताकत है,जो शत्रु को भी मित्र बना देता है | : Prem mein hee vah taakat hai,jo shatru ko bhee mitr bana deta hai . - मार्टिन लुथर किंग - जूनियर

prem mein hee vah taakat hai,jo shatru ko bhee mitr bana deta hai . | प्रेम में ही वह ताकत है,जो शत्रु को भी मित्र बना देता है |

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