प्रार्थना मांगना नहीं,यह आत्म की चाह है. यह दैनिक कमजोरियों की अपनी स्वीकारोक्ति है.
By : महात्मा गाँधी
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prarthna maagna nahi, yah aatm ki chaah hai yah dainik kamjriyon ko apni sweekarotti hai. | प्रार्थना मांगना नहीं,यह आत्म की चाह है. यह दैनिक कमजोरियों की अपनी स्वीकारोक्ति है.
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