मनुष्य नश्वर हैं। ऐसे ही विचार होते हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत है जैसे एक पौधे में पानी की जरूरत होती है। अन्यथा दोनों मुरझा जायेंगे और मर जायेंगे।
By : डॉ॰ बी॰ आर॰ अम्बेडकर
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manushya nashwar hai. ese vichaar hote hain. ek vichaar ko prachar prasaar ki jaroorat hai jase paudhon ko paani-khaad ki jaroorat hoti hai. anyatha dono murjha jaayenge aur mar jaayenge | मनुष्य नश्वर हैं। ऐसे ही विचार होते हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत है जैसे एक पौधे में पानी की जरूरत होती है। अन्यथा दोनों मुरझा जायेंगे और मर जायेंगे।
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